दारू की दुकान जैसे... चेतन भगत ने ट्रंप के लिए पीस प्राइज मांग रहे पाक को धो डाला
इसी कार्यक्रम में पहुंचे अशोक चक्रधर से जब पूछा गया कि क्या कोई नया कवि उन जैसा बन सकता है, तो उन्होंने कहा, 'ऐसा कुछ नहीं होता, मेरे अंदर अगर किसी प्रकार का कोई कवि है, तो पहले श्रेय मेरे पिता राधे श्याम जी को जाता है.'
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