'लोग निकलते ही क्यों हैं घर से?'... 40 घंटे के जाम से 3 लोगों की मौत, NHAI ने ये क्या कह दिया

अब इसे व्यंग्य न समझिए, यह विकास की नई परिभाषा है  “सड़क का होना जरूरी नहीं, उस पर बोर्ड होना चाहिए कि ‘सड़क निर्माणाधीन है, कृपया धैर्य रखें.’”

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