उप्र अब उत्तम दो मोर्चों पर बनाए मेगा रिकॉर्ड
विनोद शील
नई दिल्ली। तेजी से उत्तम प्रदेश के रूप में विकसित हो रहे उत्तर प्रदेश ने दो अहम मोर्चों पर मेगा रिकॉर्ड बनाने में सफलता हासिल की है। उत्तर प्रदेश ने जहां सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के राष्ट्रीय सूचकांक में शानदार प्रगति करते हुए 29वें स्थान से 18वें स्थान पर छलांग लगाई है वहीं राज्य ने 9 जुलाई को 37 करोड़ पौधे लगा कर एक नया महा रिकॉर्ड बना दिया है।
यह सब जनकल्याणकारी योजनाओं की बदौलत संभव हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 जुलाई को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान एसडीजी के राष्ट्रीय सूचकांक में शानदार उपलब्धि हासिल करने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह न सिर्फ आंकड़ों की उपलब्धि है बल्कि “सामाजिक परिवर्तन और अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन की नीतियों” का प्रमाण भी है।
2018-19 से 2023-24: यूपी की विकास यात्रा
राष्ट्रीय नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने 2018-19 में 42 अंकों के साथ ‘परफॉर्मर’ श्रेणी में जगह बनाई थी, जबकि अब 25 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 67 अंकों पर पहुंचकर प्रदेश ‘फ्रंट रनर’ राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है। यह छलांग देश में किसी भी राज्य द्वारा हासिल की गई अब तक की सबसे बड़ी प्रगति मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस सफलता के पीछे नीतिगत स्पष्टता, जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और व्यापक जनसहभागिता जैसे कारक हैं।
इन योजनाओं ने निभाई अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं को इस सफलता का आधार बताया, उनमें प्रमुख हैं:
– हर घर जल
– हर घर बिजली
– कन्या सुमंगला योजना
– पोषण अभियान
– मुख्यमंत्री आरोग्य योजना
– मिशन शक्ति
– प्रधानमंत्री आवास योजना
– मिशन कायाकल्प
– ओडीओपी (वन डिस्टि्रक्ट वन प्रोडक्ट)
इन योजनाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, महिला सशक्तिकरण व बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में बदलाव लाने का काम किया।
बेटियों की शिक्षा और महिला सुरक्षा पर जोर
सीएम ने मिशन शक्ति और प्राथमिक स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार की सराहना की व कहा कि इससे समाज में सामाजिक चेतना और महिला सुरक्षा की दिशा में बड़ा बदलाव आया है।
डेटा और पंचायत स्तर तक पहुंच
योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि –
– हर पंचायत तक योजनाओं की जानकारी पहुंचे।
– हर जिले की एसडीजी प्रोफाइल तैयार कर सार्वजनिक की जाए।
– डेटा संग्रहण को समयबद्ध और सटीक बनाया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि डेटा केवल रिकॉर्ड नहीं, बल्कि नीतिगत निर्णयों की नींव है। गलत या अधूरा डेटा न तो सही स्थिति बताता है और न ही योजनाओं को दिशा दे सकता है।
विशिष्ट उपलब्धियां
नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में उल्लेखनीय प्रगति की है।
आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम में उपलब्धि : औराई ब्लॉक, भदोही ने आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम में 22वां स्थान हासिल किया और 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार जीता।
अन्य उपलब्धियां : नीति आयोग ने यूपी के आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम की सराहना की है और इसे देश के अन्य 500 विकास खंडों में भी लागू किया जा रहा है।
सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में सुधार : उत्तर प्रदेश ने सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा इंडेक्स में 100 के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है।
2025 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में प्रगति : नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी के अनुसार, भारत 2025 के अंत तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्टें और कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में विकास और प्रगति को दर्शाते हैं और ये योजनाएं राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
क्या है एसडीजी इंडिया इंडेक्स?
एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) इंडेक्स को नीति आयोग द्वारा जारी किया जाता है, जिसमें राज्यों की रैंकिंग 17 वैश्विक लक्ष्यों के आधार पर होती है — जैसे कि गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ जल, स्वच्छ ऊर्जा, लैंगिक समानता, आर्थिक वृद्धि आदि।
यह केवल स्कोर की बात नहीं है, बल्कि यह साबित करता है कि हमारी योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं और उनकी जिंदगी में बदलाव ला रही हैं।
– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
– पहले था 29वें स्थान पर
– ‘फ्रंट रनर’ राज्यों की श्रेणी में हुआ शामिल
-योजनाएं बनीं गेमचेंजर
– यह किसी भी राज्य की सबसे बड़ी प्रगति
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