रूस से तेल खरीदोगे तो भुगतोगे…. NATO चीफ ने भारत और चीन को दी सख्त चेतावनी

रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में अब अमेरिका और NATO रूस के व्यापारिक साझेदार देशों पर भी सख्ती बरतने को तैयार दिख रहे हैं. NATO महासचिव मार्क रूट ने हाल ही में एक सख्त बयान में भारत, चीन और ब्राजील को चेतावनी दी है कि अगर वे रूस से तेल और गैस की खरीद जारी रखते हैं, तो अमेरिका द्वारा उन पर 100% सेकेंडरी सैंक्शंस लगाए जा सकते हैं.

ट्रंप की चेतावनी

हालांकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन डच प्रधानमंत्री और NATO चीफ मार्क रूट ने तस्वीर साफ कर दी. उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों के साथ बातचीत में साफ कहा कि भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों को व्लादिमीर पुतिन पर सीज़फायर और शांति वार्ता के लिए दबाव डालना चाहिए. नहीं तो आर्थिक प्रतिबंध झेलने को तैयार रहें.

100% सैंक्शन का खतरा

रूट ने सीधा संदेश दिया: “अगर आप बीजिंग, दिल्ली या ब्राज़ीलिया में हैं और रूस से कारोबार कर रहे हैं, तो आपको गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह प्रतिबंध इन देशों की अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. अमेरिकी सीनेटर तो रूस से व्यापार करने वालों पर 500% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव तक आगे बढ़ा रहे हैं.

रूस के सबसे बड़े तेल खरीदार

थिंक टैंक “Centre for Research on Energy and Clean Air” के अनुसार, 2022 से लेकर मई 2025 तक, चीन ने रूस के 47% और भारत ने 38% कच्चे तेल का आयात किया. 2024 में भारत ने 52.73 बिलियन डॉलर का रूसी तेल खरीदा, जबकि चीन ने 78 बिलियन यूरो का. ये आंकड़े दिखाते हैं कि दोनों देश रूस के ऊर्जा व्यापार के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.

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