फडणवीस के उद्धव को दिए ऑफर और फिर आज मुलाकात के पीछे क्या है असली मंशा?
2019 के विधानसभा चुनावों के बाद जो कुछ भी महाराष्ट्र की सियासत में हुआ, उससे तो इतना साफ है कि यहां कुछ भी मुमकिन है, जो आज दुश्मन हैं, वो कल दोस्त बन सकते हैं और जो पार्टी कल तक एक थी, वो एक रात में टूट भी सकती है. यहां तो सीएम की शपथ भी सूरज निकलने से पहले हो जाती है.
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