कागजों में पक्के मकान, हकीकत में टपकती छतें... दर्दनाक है मध्य प्रदेश की इस गांव की कहानी
राजकुमार केवट का झोपड़ा ऐसा है जैसे बल्ली के सहारे टिका लोकतंत्र हो. ऊपर से पन्नी, नीचे से पानी. लेकिन कागज पर वो 'पक्का मकान मालिक' हैं. खुद कहते हैं कि अगर मेरा पक्का घर है, तो बताओ, मैं वहीं रहने चला जाऊं.
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