37 साल पहले मिथुन, गोविंदा, संजय की तिकड़ी ने कर दी थी प्रोड्यूसर की बल्ले-बल्ले, 15 दिन तक नहीं मिले थे टिकट

आज के समय में ओटीटी और मल्टीप्लेक्स के दौर ने सिनेमाघरों में फिल्म देखने का उत्साह थोड़ा कम कर दिया है. लेकिन एक समय था जब फिल्में सिर्फ टॉकीज में रिलीज होती थीं. उस दौर में अपने पसंदीदा हीरो-हीरोइन की फिल्म देखने के लिए लोग टिकट खिड़की पर उमड़ पड़ते थे.

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