कांटों की सरहद और अधूरी राखियां: बाड़मेर रह रही पाक विस्थापित बहनों का रक्षाबंधन पर दर्द
मिश्री की तरह ही बाड़मेर में कई ऐसी बहनें हैं, जो सरहद के उस पार बिछड़े भाइयों से मिलने को बेताब हैं.
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