हालात जो भी हों, अखंड रहा है हमारा देश: गवई
ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा है कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारत की स्थिति अलग है। हम अपने राष्ट्र को एकजुट देखते हैं, चाहे युद्ध का समय हो या शांति का, यहां तक कि आंतरिक आपातकाल के दौरान भी, हमारा देश अखंड रहा है और जब हम अपनी तुलना अपने पड़ोसी देशों, चाहे वह नेपाल हो, बांग्लादेश हो या श्रीलंका, से करते हैं, तो मेरे विचार से उनकी और हमारी स्थिति में अंतर भारतीय संविधान की मजबूती के कारण है।
आंबेडकर को किया याद
सीजेआई ने अपने भाषण में कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने ठीक ही कहा था, जब तक इस देश में सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र स्थापित नहीं हो जाता, तब तक राजनीतिक लोकतंत्र का कोई वास्तविक अर्थ नहीं है। आज हम जिस तरह से न्यायिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं, वह यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि न्याय वादियों के द्वार तक पहुंचे। इसीलिए हम विकेंद्रीकरण में विश्वास करते हैं और सभी जगहों पर न्यायिक बुनियादी ढांचा स्थापित कर रहे हैं। सीजेआई ने जोर देकर कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा हमें दिया गया संविधान ही वह आधारशिला है जिस पर आज हमारा राष्ट्र कार्य कर रहा है।
गवई का नाम इतिहास में दर्ज होगा: फडणवीस
इस मौके पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन दिनों हम देख सकते हैं कि न्यायिक व्यवस्था में काफ़ी बदलाव आए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की बात करें तो उन्होंने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग भी शुरू कर दी है और कई मामलों के वीडियो अब यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। इससे जनता को काफी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हुई है। न्यायमूर्ति गवई का नाम न्यायिक इतिहास में न्याय व्यवस्था में मौजूद कमियों को दूर करने में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। चाहे बुनियादी ढांचा हो, मानव संसाधन हो या न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरना हो, उनके मार्गदर्शन में जिस गति से प्रगति हुई है वह उल्लेखनीय है और इसीलिए उनका नाम इतिहास में अंकित रहेगा।
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