राज्य की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट को मिली हरी झंडी

ब्लिट्ज ब्यूरो

लखनऊ। प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-28 में स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए एचसीएल और ताइवान की फॉक्सकॉन के ज्वाइंट वेंचर ‘वामा सुंदरी’ को 48 एकड़ जमीन पर बड़ी छूट मिली है।
प्राधिकरण ने भी कंपनी को आवंटन पत्र जारी करने की तैयारी कर ली है। प्राधिकरण के अधिकारी के अनुसार यमुना सिटी में उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर पार्क बनेगा। इसके लिए ‘वामा सुंदरी’ को भूमि देने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट यानी एलओआई जारी किया गया है। इसका प्रस्ताव केंद्र से भी पास हो चुका हैं। कंपनी नोएडा एयरपोर्ट के पास कुल 3706 करोड़ की लागत से सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग प्लांट लगाएगी।

अधिकारी के अनुसार कंपनी को पहले सेक्टर-10 में भूमि देने पर विचार था जमीन अधिग्रहण न होने के कारण इसे सेक्टर-28 में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं सेक्टर-10 में भूमि का खर्च 167 करोड़ रुपये था, जो सेक्टर-28 में बढ़कर 292 करोड़ हो गया। कंपनी ने तीन जून 2025 को चिट्ठी लिखकर सरकार से अतिरिक्त खर्च में छूट की मांग की थी। सरकार ने जमीन से जुड़ी बढ़ी हुई लागत पर 75 प्रतिशत और स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर 100 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह भी कहा कि यह निर्णय विशेष रूप से इस परियोजना के लिए है और भविष्य के मामलों में इसे उदाहरण नहीं माना जाएगा।

हर माह 20 हजार वेफर बनेंगे
कंपनी अपनी यूनिट स्थापित कर प्रतिमाह 20 हजार वेफर तैयार करेगी। सेमीकंडक्टर में वेफर एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक होता है। यह पतली, गोल डिस्क जैसी परत होती है जिस पर चिप्स या माइक्रोप्रोसेसर बनाए जाते हैं। इसे आप सेमीकंडक्टर चिप का बेस भी कह सकते हैं।

यूनिट में मोबाइल फोन, लैपटॉप, पीसी, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स बनाए जाएंगे। यह उत्तर प्रदेश में बनने वाला पहला सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट प्लांट होगा। परियोजना से करीब 3780 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। सरकार का मानना है कि यह भारत को सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

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