शौर्य की क्या गजब है कहानी, पढ़िए 'दक्षिण की रानी झांसी' की पूरी कहानी
रानी चेन्नम्मा का असली पराक्रम उस समय उजागर हुआ जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की गिद्ध-दृष्टि कित्तूर की रियासत पर पड़ी. उस समय तक, अधिकांश भारतीय शासक अंग्रेजों के सामने या तो घुटने टेक चुके थे या उनके साथ असहज समझौते कर चुके थे, लेकिन रानी चेन्नम्मा ने सम्मान और स्वतंत्रता की राह चुनी.
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