भोजपुरी लोकगीतों की जान बिजली रानी के निधन से एक युग का अंत, किडनी की थी समस्या और आखिरी समय में रहीं तन्हा
बचपन से ही लोकसंगीत और नौटंकी के मंचों से उनका लगाव रहा घर की आर्थिक परिस्थिति कमजोर थी, लेकिन सुर उनके लिए हिम्मत बन गया. यही कारण था कि बहुत छोटी उम्र में उन्होंने गांव–गांव घूमकर लोकगीत, सोहर, कजरी, झूमर और बिरहा गाना शुरू किया.
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