कृष्ण के पुत्र का कोढ़ और जरासंध की सूर्य पूजा, मगध की मूर्तियों में छिपी है 2000 साल पुरानी कथा

मगध सूर्य पूजा का प्राचीन केंद्र रहा है जहां 2000 साल पुरानी मूर्तियां और स्तंभ इस परंपरा की निरंतरता को दर्शाते हैं. शुंगकाल से लेकर 12वीं सदी तक सूर्य की आराधना के साक्ष्य बताते हैं कि मगध में यह परंपरा आस्था, इतिहास और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है.

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