चौंकाने वाली स्टडी: जब हवा में बढ़ जाते हैं ये 'कण', तब बढ़ जाता है खुदकुशी का खतरा

पॉलिन के बढ़ते लेवल के साथ ही आत्महत्या दर भी बढ़ती पाई गई. कम या जिस दिन परागकण न के बराबर थे और उसकी तुलना में मध्यम मात्रा (एकत्रित किए गए पॉलिन) वाले दिनों में आत्महत्या दर 5.5 फीसदी बढ़ गई.

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