सलाखों के साए में लोकतंत्र! बिहार की राजनीति में ‘जेल से जीत’ की दास्तान
                                    
                                    राजनीतिक दल भी इस गणित को भली-भांति समझते हैं. कई बार वे जानते हैं कि अभियुक्त उम्मीदवार की ‘ग्राउंड पर पकड़’ उन्हें साफ-सुथरे चेहरे से अधिक सीट दिला सकती है. यही कारण है कि लगभग हर बड़े दल ने कभी न कभी ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है जिनके खिलाफ गंभीर आरोप दर्ज हैं. यह उस लोकतंत्र का विरोधाभास है, जहां अपराध का मुकदमा चुनावी रणनीति बन गया है.
                                    
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