350वीं शहादत वर्षगांठ: पंजाब में सेवा, कीर्तन और भाईचारे के कार्यक्रम, करोड़ों संगत शामिल होने की उम्मीद

गांवों से लेकर शहरों तक, नौजवानों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई यही संदेश दे रहा है कि गुरु साहिब का बलिदान हमेशा ज़िंदा रहेगा. 350 साल बाद भी उनका साहस, त्याग और इंसानियत पंजाब के दिल में बसते हैं. पंजाब की जनता कह रही है,“जहां इंसानियत खतरे में हो, वहां खड़े होना ही असली धर्म है.”

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