जब गोविंदा, मिथुन चक्रवर्ती, संजय दत्त की इस फिल्म के 15 दिनों तक नहीं मिले थे टिकट, प्रोड्यूसर ने जमकर की थी कमाई

आजकल ओटीटी और मल्टीप्लेक्स के जमाने में लोग घर बैठे ही फिल्में देख लेते हैं, इसलिए सिनेमाघरों में पहले जैसी रौनक कम हो गई है. लेकिन 80 के दशक में बात अलग थी. उस समय नई फिल्म आने का मतलब था सिनेमा हॉल के बाहर लंबी-लंबी लाइनें.

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