सीमा सुरक्षा के लिए 150 सैटेलाइट लॉन्च करेगा इसरो

डा. सीमा द्विवेदी

नई दिल्ली। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) अंतरिक्ष से देश की निगरानी को बढ़ाएगा। इसरो चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि भारत अगले तीन सालों में बॉर्डर एरिया सर्विलांस बढ़ाने के मकसद से करीब 150 और सैटेलाइट लॉन्च करेगा।
चेन्नई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नारायणन ने कहा कि अभी भारत के पास 55 सैटेलाइट हैं, जो करीब 7500 किलोमीटर लंबे बॉर्डर एरिया की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में हमें और सैटेलाइट की जरूरत है। दरअसल नारायणन ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर इसरो क्या कदम उठा सकता है, इस सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
इसरो के भविष्य के मिशन
केंद्र सरकार की तरफ से पिछले महीने ही चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी मिली है। इसमें जापान सहयोगी होगा। चंद्रयान-5 मिशन चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम वजनी रोवर ले जाएगा। सितंबर, 2024 में मिली थी चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी। इसका उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा पर उतारना, चंद्रमा की मिट्टी व चट्टानों के सैंपल पृथ्वी पर वापस लाना है।इस मिशन पर 2104 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
चंद्रयान-4 के स्टैक 1 में लूनर सैंपल कलेक्शन के लिए एसेंडर मॉड्यूल और सतह पर लूनर सैंपल कलेक्शन के लिए डिसेंडर मॉड्यूल होगा। स्टैक 2 में थ्रस्ट के लिए एक प्रॉपल्शन मॉड्यूल, सैंपल होल्ड के लिए ट्रांसफर मॉड्यूल और सैंपल को पृथ्वी पर लाने के लिए री-एंट्री मॉड्यूल शामिल रहेगा। मिशन में दो अलग-अलग रॉकेट का इस्तेमाल होगा। हैवी-लिफ्टर एलवीएम-3 और इसरो का रिलायबल वर्कहॉर्स पीएसएलवी अलग-अलग पेलोड लेकर जाएंगे। चंद्रयान-4 के 2 मॉड्यूल चांद की सतह पर जाएंगे। चंद्रयान-4 मिशन कई स्टेज में पूरा होगा। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद मुख्य स्पेसक्राफ्ट से 2 मॉड्यूल अलग होकर सतह पर लैंड करेंगे। दोनों ही मॉड्यूल चांद की सतह से नमूने इकट्ठा करेंगे।
फिर एक मॉड्यूल चांद की सतह से लॉन्च होगा और चांद की कक्षा में मुख्य स्पेसक्राफ्ट से जुड़ जाएगा। इसरो चांद की सतह से ‎नमूने उठाने वाला रोबोट तैयार कर रहा है। गहराई तक ‎ड्रिल करने की तकनीक पर काम हो रहा है। नमूने इकट्ठा करने के लिए कंटेनर और डॉकिंग मैकेनिज्म‎ की तकनीक विकसित की जा रही है।
भविष्य के अन्य प्लान – 3 एस्ट्रोनॉट स्पेस में जाएंगे: 2025 में गगनयान में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 किमी ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्चिंग : भारत के अंतरिक्ष स्टेशन में पांच मॉड्यूल होंगे। पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च होगा।
इंडियन एस्ट्रोनॉट को चांद पर भेजना: इसरो 2040 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने पर काम कर रहा है। अभी अमेरिका ही ऐसा देश है जो चांद पर इंसानों को भेज चुका है। चीन भी 2030 तक अपने एस्ट्रोनॉट को चांद पर पहुंचाने पर काम कर रहा है।
वीनस ऑर्बिटर मिशन : 1,236 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इसे मार्च 2028 में लॉन्च किया जाना है।

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