मंत्री नहीं, नफरत के प्रवक्ता- अब इस्तीफा दीजिए विजय शाह
माफ़ी हाथ जोड़ने से नहीं मिलती, माफ़ी उस कुर्सी से उतर कर मिलती है जिसे आपने अपने ज़हर से कलंकित किया है. आपकी मंशा चाहे जो हो, आपके शब्दों ने उन लाखों मुस्लिम सैनिकों का अपमान किया है जो देश के लिए खून बहाते हैं.
Hindi