जातिवाद से पलायन का दंश, 'भूतगांव' को किताब में उतार गए नवीन जोशी

उपन्यास पहाड़ के खंडहर होते मकानों की पीड़ा को बयान करता है, यह उन मकानों को बचाने समाधान भी है 'मकान में सुबह शाम चूल्हा जला, धुंआ उठा तो मकान की उमर बढ़ जाती है. अब कौन जलाए यहां चूल्हा!'

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