राजा राम का भव्य राजप्रासाद तैयार
ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। राम मंदिर के प्रथम तल पर राजा राम का भव्य राजप्रासाद तैयार हो गया है। इसमें सभी दरवाजे लगा दिए गए हैं। ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी के पर्व पर गत शुक्रवार को राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्ति को यथास्थान पर स्थापित कर दिया गया है। हालांकि यहां अवशेष कार्य अभी चल रहे हैं जो शीघ्र पूरे कर लिए जाएंगे। मंदिर निर्माण एजेंसी एलएण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने कहा कि राम दरबार की मूर्तियों को जयपुर से लाया गया है। श्रीरामजन्मभूमि के 2.77 एकड़ भू-भाग पर निर्मित राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम को माता जानकी और उनके तीनों अनुजों व हनुमान जी के साथ प्रतिष्ठित किया गया है। सभी को लगभग ढाई फीट ऊंचे सिंहासन पर विराजमान कराया गया है।
इसी तरह से परकोटा के दक्षिण-पश्चिम में निर्मित शिवालय में भगवान नर्वदेश्वर को भी यथास्थान पर स्थापित कर दिया गया है। राम दरबार समेत परकोटा के छह मंदिरों व सप्त मंडपम के सातों मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय अनुष्ठान तीन जून से शुरू होगा और इस दौरान मूर्तियों का अलग-अलग अधिवास कराकर उनमें वैदिक मंत्रों से प्राणों का आधान गंगा दशहरा के पर्व पर पांच जून को निर्धारित मुहूर्त में किया जाएगा। इसी के साथ प्रथम तल से लेकर शिखर तक का सम्पूर्ण कार्य पांच जून तक पूरा हो जाएगा। इसके उपरांत राम मंदिर के चारों ओर लगे क्रेन टावरों को हटा लिया जाएगा। इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक चरण पूरा हो जाएगा। इसके समानांतर द्वितीय चरण में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन कार्य चलता रहेगा जो कि दिसम्बर 2025 में पूरा हो जाएगा।
शिखरों को स्वर्ण मंडित करने के लिए कारीगरों की टीम पहुंची अयोध्या
राम मंदिर में दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा के दृष्टिगत निरीक्षण व निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा दूसरे दिन भी जारी रही। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र बैठक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्माण एजेंसियों ने बताया कि सभी लक्षित कार्य निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा। समिति चेयरमैन मिश्र ने मीडिया से बातचीत में बताया राम मंदिर के शिखर व आमलक सहित परकोटा के सभी मंदिरों के शिखरों को स्वर्ण मंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए कारीगरों की टीम यहां पहुंच गई है। यह काम शुरू कर दिया गया है जो कि तीन जून से पहले पूरा हो जाएगा।
उत्तरी प्रवेश द्वार के निर्माण का डिजाइन फिर बदला जाएगा
राम मंदिर के चारों ओर अलग-अलग दिशाओं में निर्माणाधीन प्रवेश द्वार में पहले वीवीआईपी प्रवेश द्वार के डिजाइन में परिवर्तन किया जाएगा। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि इस डिजाइन को जितना आकर्षक होना चाहिए था, वैसा बना नहीं है। इसके कारण दोबारा निर्माण का निर्देश दिया गया है। इसकी समयसीमा 30 जून तय की गई है। उधर प्रवेश द्वार की निर्माण एजेंसी यूपीआरएनएन के अधिकारियों का कहना है कि डिजाइन में मोल्डिंग कास्ट आयरन प्रस्तावित थी। इसकी फिनिशिंग उतनी बढ़िया नहीं हो पाई। इसके कारण डिजाइन को टाइटेनियम अथवा एसआर 304 में किया जाएगा। इसके बारे में भवन-निर्माण समिति फैसला लेगी। नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि क्रासिंग 11 पर निर्माणाधीन प्रवेश द्वार का निरीक्षण किया गया।
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