बैंक फ्रॉड केस में 47 साल बाद भगोड़ा आरोपी पकड़ा गया, साल 1978 का है मामला

आरोप था कि ब्रांच मैनेजर ने सतीश कुमार आनंद के साथ मिलकर बैंक को धोखा दिया. उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर फर्जी बिल और डिलीवरी की झूठी जानकारी देकर ₹5.69 लाख का लोन पास करवा लिया.

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