इटावा की शर्म कथाः मुझे मर जाना चाहिए सर... जब कैमरे पर रोने लगे यादव कथावाचक
इटावा के नेत्रहीन कथावाचक ने कहा, मुझे दो-तीन थप्पड़ मारे. ऐसा लगता है कि जैसे मेरे ऊपर पेशाब छिड़की गई थी,मुझे दिखता नहीं है. उन्होंने हमारे बाल काटे, सोचा ये अंधा है इसे छोड़ दो ये तो भाग नहीं पाएगा.
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