अपनों से मिलना अंतरिक्ष यात्रा जितना अद्भुत... दो महीने बाद परिवार से मिले शुभांशु शुक्ला ने बताया अनुभव
शुभांशु ने बताया कि उनके क्वारंटीन रहने के दौरान जब परिवार वाले मिलने आते थे, तो हमें आठ मीटर की दूरी बनाकर रखनी पड़ती थी. मेरे छोटे बेटा को यह कहकर समझाया जाता था कि उसके हाथों पर कीटाणु हैं इसलिए वह अपने पापा को छू नहीं सकता.
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