सिर्फ कॉमेडियन ही नहीं थे असरानी, एक दिग्गज कलाकार भी थे

यह फिल्म एक अभिनेता के संघर्ष की कहानी कहती थी और कुछ उसी तर्ज़ पर बनी थी, जिस पर राज कपूर ने ‘मेरा नाम जोकर’ और गुरु दत्त ने ‘कागज़ के फूल’ बनाई थी. इस फिल्म को व्यावसायिक सफलता तो नहीं मिली, लेकिन इसे समीक्षकों ने खूब सराहा.

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