भारत खरीदने जा रहा ‘उड़ने वाला शेर’
आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स अब और ज्यादा ताकतवर होने जा रही है। देश जल्द ही अपने राफेल फाइटर जेट्स के लिए मेटियोर एयर टू एयर मिसाइल खरीदने वाला है। माना जा रहा है कि इससे भारत की हवाई मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। मेटियोर मिसाइल की खास बात यह है कि यह 200 किलोमीटर दूर तक उड़ रहे दुश्मन के विमान को भी मिनटों में गिरा सकती है। यह वही मिसाइल है जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक बियांड विजुयल रेंज (बीवीआर) मिसाइल माना जाता है। यानी ऐसी मिसाइल जो पायलट की नजर से बाहर उड़ रहे लक्ष्य को भी लॉक कर सकती है। डिफेंस एक्सपर्ट इसे ‘उड़ने वाला शेर’ भी कहते हैं।
मेटियोर मिसाइल यूरोप की रक्षा कंपनी एमबीडीए ने बनाई है। यह मिसाइल पहले से ही फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी की वायु सेनाओं में शामिल है। अब भारत इसे अपने राफेल फाइटर जेट में जोड़ने जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, करीब 1,500 करोड़ रुपये की लागत वाला यह सौदा आखिरी चरण में है और जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मेटियोर मिसाइलों को भारत की राफेल स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। ये वही राफेल हैं जो 2016 में फ्रांस से भारत आए थे।
200 किलोमीटर की रेंज
मेटियोर दुश्मन के विमान, ड्रोन या मिसाइल को 200 किलोमीटर दूर से मार गिरा सकती है। यानी दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा कि वह कब निशाने पर आ गया
रामजेट इंजन तकनीक
इसमें एक खास प्रकार का इंजन होता है जिसे रामजेट कहा जाता है। यह इंजन मिसाइल को लगातार सुपरसोनिक स्पीड यानी करीब 5000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर उड़ने की ताकत देता है।
स्मार्ट टार्गेट लॉक सिस्टम
मेटियोर में एक बेहद एडवांस एक्टिव रडार सीकर लगा है, जो दुश्मन के विमान को लॉक करके तब तक पीछा करता है जब तक वह उसे खत्म न कर दे।
नो एस्केप जोन
इस मिसाइल का एक पहलू है इसका नो एस्केप जोन, जो अन्य मिसाइलों के मुकाबले सबसे बड़ा है। यानी दुश्मन चाहे कितनी भी तेज उड़ान भर ले, मेटियोर के हमले से बच नहीं सकता।
नेटवर्क बेस्ड वारफेयर सिस्टम
मेटियोर को ऐसे डिजाइन किया गया है कि यह अन्य फाइटर जेट्स या ग्राउंड कंट्रोल सेंटर से रीयल टाइम डेटा लेकर काम कर सके। यानी ये एक टीम फाइटर की तरह काम करती है।
राफेल के साथ मेटियोर की जोड़ी
हवा में ‘डेडली कॉम्बो’
इंडियन एयरफोर्स के राफेल फाइटर्स पहले से ही दुनिया के सबसे एडवांस जेट्स में गिने जाते हैं लेकिन मेटियोर जुड़ने के बाद यह जोड़ी अजेय हो जाएगी क्योंकि राफेल का रडार सिस्टम 400 किमी तक टार्गेट पकड़ सकता है। मेटियोर उस टार्गेट को 200 किमी दूर से तबाह कर सकती है। यानी दुश्मन की नजर भारत के फाइटर पर पड़े, उससे पहले उसका विमान धुएं में बदल चुका होगा। एक वायुसेना अधिकारी ने बताया, मेटियोर हमारे लिए गेमचेंजर साबित होगी। यह हमारी हवाई सीमाओं को किसी भी दुश्मन से 100% सुरक्षित बना देगी।”
पाकिस्तान और चीन की क्यों बढ़ेगी टेंशन
मेटियोर के आने से सबसे ज्यादा टेंशन पाकिस्तान और चीन को होगी। दरअसल, पाकिस्तान की वायुसेना फिलहाल चीनी पीएल-15 मिसाइल इस्तेमाल करती है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन मिसाइलों की सटीकता मेटियोर जैसी नहीं है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। जवाब में पाकिस्तान ने चीन से मिली पीएल-15 मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, लेकिन एक भी भारतीय विमान को नुकसान नहीं पहुंचा सकी।
एक रक्षा विश्लेषक के मुताबिक, मेटियोर की तुलना में चीनी पीएल-15 मिसाइलें कम सटीक हैं। अब अगर भारत के पास मेटियोर है, तो हवाई लड़ाई में पाकिस्तान और चीन, दोनों को दूर से ही मात मिलेगी।
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